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Wahhabism

August 19, 2019 by Garima Sharma Leave a Comment

Wahhabism/वहाबी आंदोलन

उन्नीसवीं शताब्दी के प्रारम्भ में वहाबी मत wahhabism की उत्पत्ति एक धार्मिक राजनैतिक आंदोलन के रूप में हुई। धार्मिक रूप में इसका उद्देश्य भारत में इस्लाम समाज की बुराइयों को दूर करना था तथा राजनैतिक रूप में इसका उद्देश्य भारत से अंग्रेजों को बाहर कर मुस्लिम शक्ति का पुनरुत्थान करना था।

आज आप वहाबी आंदोलन के बारे में विस्तार से जानेंगे।

wahhabism1820 ई. में बरेली के अहमद द्वारा इसकी स्थापना हुई, इसकी शुरुआत रुहेलखंड में हुई तथा बाद में इसका विस्तार बिहार, बंगाल, पंजाब, पश्चिमोत्तर सीमान्त प्रांतों व दक्कन में हुआ। सैय्यद अहमद द्वारा 1822 ई. में इसका संगठन तथा विलायत अली, शाह मुहम्मद हुसैन व फरहत हुसैन को ख़लीफ़ा या आध्यात्मिक प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया।
वहाबियों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण तथा सैय्यद अहमद का पंजाब के सिखों के विरुद्ध अपने धार्मिक युद्ध के लिए जन जातियों से सहायता प्राप्त करने के लिए पश्चिमोत्तर सीमान्त प्रांतों को जाना, सिखों के विरुद्ध उसका युद्ध व बालाकोट की लड़ाई 1831 ई. में उसकी मृत्यु प्रारंभिक चरण की अन्य मुख्य घटनाएं थीं।
वहाबियों का नेतृत्व सँभालने के बाद, विलायत अली ने अंग्रेजों व सिखों के साथ युद्ध में मौलवी नसीरुद्दीन को वहाबियों का मुख्य सेनापति बनाया।
विलायत अली की मृत्यु के पश्चात् इनायत अली 1852 ई. में वहाबियों का नेता बना। इनायत अली द्वारा अंग्रेजों विरुद्ध युद्ध की तैयारी तथा वहाबियों द्वारा मेरठ, बरेली, दिल्ली व बंगाल के कई जिलों राजद्रोह का खुला उपदेश दिया जाना, 1853 ई. अग्रेजों के साथ मुठभेड़ में इनायत अली की हार व उसका भाग जाना, 1858 ई. में स्वात में बीमारी कारण इनायत अली की मृत्य की एवं मक़सूद अली का नेता बनना उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य के कुछ महत्वपूर्ण विकास थे।
1857 ई. के विद्रोह में वहाबियों ने कोई भूमिका नहीं निभाई, यद्यपि कुछ स्थानों पर वहाबियों ने विद्रोह में भाग लिया। मक़सूद अली की मृत्यु(1861 ई.) पश्चात विलायत अली का बेटा अब्दुल्लाह, सिधाना में वहाबियों का नेता बना। सिधाना, जो की पश्चिमोत्तर सीमान्त प्रान्त में था, 1850 ई. से वहाबियों का मुख्यालय बना।

सिधाना में वहाबी शिविरों के विरुद्ध ब्रिटिश अभियान :

> 1850 से 1857 ई. के बीच सिधाना स्थित वहाबियों को नष्ट करने में 16 ब्रिटिश अभियान असफल रहे।
> 1858 ई. में सर सिडनी कॉटन के नेतृत्व में ब्रिटिश अभियान एवं इसके द्वारा सिधाना पर अधिकार।
> जुलाई 1863 ई. वहाबियों द्वारा सिधाना की पुनः प्राप्ति, एवं सर नेविल चैम्बरलेन का अक्टूबर 1863 ई. में विद्रोहियों को दमन करने तथा इस पर पुनः अधिकार करने में असफलता।
> 1863 ई. में जनरल गावलोक द्वारा वहाबियों की हार।

भारत में वहाबी आंदोलन पर राजकीय मुक़दमा तथा उसका दमन :

> (मई 1864 ई.) का अम्बाला मुक़दमा एवं याह्या अली, अब्दुल रहीम, मुहम्मद जफ़र एवं कई अन्य को आजीवन कालापानी की सज़ा।
> (1865 ई.) का पटना मुकदमा अहमदुल्लाह(पटना में वहाबियों का नेता) को आजीवन कालापानी की सज़ा।
> मालदा मुक़दमा(सितम्बर 1870 ई.) एवं मालदा के मौलवी अमीरुद्दीन को आजीवन कालापानी की सजा।
> राजमहल मुक़दमा(अक्टूबर 1870 ई.) एवं इस्लामपुर के इब्राहिम को आजीवन कालापानी की सजा।
> भारत में आंदोलन के दमन के परिणामस्वरूप सिधाना में भी आंदोलन समाप्त हो गया, क्योकि उसे सभी प्रकार के साधनों की पूर्ति भारत से होती थी।

निष्कर्ष – आज आपने वहाबी आंदोलन तथा उससे जुड़े व्यक्तियों के बारे में जाना।

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Filed Under: Indian History, Modern Tagged With: wahabi andolan, wahabi kaun hai, wahabi kise kehte hain, wahabi movement, wahabi movement in hindi, wahabi movement in india, wahabi revolt, wahhabism

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