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administration of shivaji

Administration Of Shivaji

July 21, 2019 by Garima Sharma Leave a Comment

Administration Of Shivaji/शिवाजी का प्रशासन

शिवाजी मराठा साम्राज्य के सबसे वीर राजाओं में माने जाते रहे हैं। मराठा साम्राज्य के शिखर को दृढ़ता से ऊंचाई पर ले जाते हुए उन्होंने मुग़लों के विरुद्ध सामना किया तथा विजय हासिल की।

जीवन परिचय – शिवाजी का जन्म 1627 में महाराष्ट्र के शिवनेर में हुआ था। उनके पिता शाहजी भोसले तथा माता जीजाबाई थीं। शिवाजी को अपने पिता की पूना जागीर 1637 में प्राप्त हुई। 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने बीजापुर में रायगढ़, कोंडना तथा तोरण को जीता।
उनका वास्तविक विजय अभियान एक मराठा प्रमुख से जावली को छीनने के बाद प्रारम्भ हुआ जिसके कारण वे उच्च मवाल क्षेत्र के स्वामी बन गए। उन्होंने 1657 – 58 में आदिलशाही क्षेत्र पर आक्रमण किया। आदिलशाही शासक ने शिवाजी को सज़ा देने के लिए अफ़ज़ल खान को नियुक्त किया, परन्तु शिवाजी ने 1659 में उसकी भी हत्या कर दी।
बाद में औरंगज़ेब ने 1660 में दक्कन के गवर्नर, शाइस्ता खान को शिवाजी की बढ़ती ताकत को समाप्त करने नियुक्त किया। मुग़ल सेना ने शिवाजी पर उत्तर से तथा बीजापुर की सेना ने दक्षिण से आक्रमण किया। शिवाजी को पूना से हाथ धोने के अलावा 1660 से 1663 के बीच कई पराजयों का सामना करना पड़ा। बाद में शिवाजी ने शाइस्ता खान की सैनिक छावनी पर आक्रमण किया तथा सूरत और अहमदनगर को लूटा।

औरंगज़ेब ने शिवाजी को पराजित करने के लिए आम्बेर के राजा जयसिंह को 1665 में नियुक्त किया। जयसिंह ने शिवाजी को पुरंदर के किले में बंदी बना लिया। अंततः 1665 में पुरंदर की संधि पर हस्ताक्षर हुए जिसके अनुसार –

1. शिवाजी को अपने 35 किलों में से 23 किले तथा उसके आसपास के क्षेत्र मुगलों को सौंपने पड़े।
2. मुगलों ने बीजापुर के कुश क्षेत्रों पर शिवाजी का अधिकार स्वीकार किया।
3. शिवाजी के पुत्र को 5000 का मनसब दिया जाना था।

शिवाजी 1666 में आगरा गए जहां उन्हें बंदी बना लिया गया तथा इस कैद से निकलने में वह सफल रहे। 1670 में सूरत को लूटकर उन्होंने पुनः मुगलों के साथ संघर्ष किया। ४ वर्ष तक सैनिक अभियान के बाद उन्होंने अपने सभी किले तथा क्षेत्र पुनः प्राप्त कर लिए। 1674 रायगढ़ में राज्याभिषेक हुआ तथा उन्होंने “हिंदू धर्मोद्धारक ” की उपथि धारण की।

उन्होंने गोलकुंडा कुतुबशाहियों से बीजापुर में सैनिक अभियान शुरू किया तथा जिंजी और वेल्लोर आदि पर अधिकार कर लिया। शिवाजी की मृत्यु 1680 में हुई।

शिवाजी का प्रशासन

administration of shivaji

शिवाजी की सहायता के लिए अष्टप्रधान थे जो मंत्रिपरिषद नहीं थी , क्योकि इसमें सामूहिक दायित्व नहीं था। प्रत्येक मंत्री शिवाजी के प्रति ज़िम्मेदार था।

पेशवा – वित्त व सामान्य प्रशासन संभालता था।
सर – ए – नौबत – सेनापति , यह एक सम्माननीय पद था जिसे वास्तविक सैनिक शक्ति प्राप्त नहीं थी।
मजूमदार या अमात्य – पेशवा के काल में महालेखाकार ,बाद में वह कर तथा वित्त मंत्री बन गया।
वकनवीस – गुप्तचर , डाक और गृह विभाग का कार्य।
सरनवीस या सचिव – चिटनीस भी कहा जाता था , ये पत्र व्यवहार देखते थे।
दबीर या सुमंत – उत्सवों के अधिकारी , ये विदेश मंत्रालय भी सँभालते थे।
न्यायाधीश – न्याय व्यवस्था संभालता था।
पंडितराव – कल्याण और धार्मिक कार्य।

निष्कर्ष – आज आपने शिवाजी के जीवन तथा उनके प्रशासन के बारे में पड़ा।

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Filed Under: Indian History, Medieval Tagged With: administration of shivaji, shivaaji life story, shivaji and his administration, shivaji life history

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